वह कौन सी जादुई चाभी है जिससे खुल जाता है प्रशासन द्वारा सील किये गये अस्पताल व पैथोलॉजी क्लीनिक का ताला

 वह कौन सी जादुई चाभी है जिससे खुल जाता है प्रशासन द्वारा सील किये गये अस्पताल व पैथोलॉजी क्लीनिक का ताला


सत्य हिंदी टीवी 

सोनभद्र। स्वास्थ्य विभाग के पास ना जाने कौन सी ऐसी जादूई चाभी है।जिससे की उन्ही के द्वारा सील किये गये मानकविहीन अवैध अस्पतालों का ताला अपने आप खुल जाता है सूत्रों की माने तो जब सील हुए अस्पताल द्वारा वज़नदार लिफ़ाफ़ा पहुँच जाता है तो सोनभद्र का स्वास्थ्य विभाग अपने आप ताला खोल देता है इन पूरे खेल में सोनभद्र सीएमओ ऑफिस के अधिकारियों और कर्मचारियों का एक संगठित गिरोह काम कर रहा है जो वज़नदार लिफ़ाफ़ा पहुँचाने का कार्य करते है 

*मधुपुर के बट गांव केजीएन हॉस्पिटल सहित कई हॉस्पिटलों  का खुल चुका है ताला*



ताज़ा मामला बट मधुपुर के केजीएन हॉस्पिटल लाइफ केयर हॉस्पिटल केकराही सहित सोनभद्र में कई अस्पताल व पैथोलॉजी जो की पूर्ण रूप से अवैध और मानकविहीन है और विगत दिनों पूर्व ही इन फर्जी अस्पताल को सीएमओ सोनभद्र के द्वारा सील किया गया था परंतु आज यह  अस्पताल धड़ल्ले से लगातार संचालित होने लगे है जबकि इन अस्पतालों में पूर्व में या अभी भी कोई भी परिवर्तन नही हुआ है केजीएन तो टीनसेड के एक रुम में संचालित हो रहा है परंतु सोनभद्र ज़िले का स्वास्थ्य विभाग वज़नदार लिफ़ाफ़े के दवाव में कोई भी ठोस कार्यवाई  क्यों नहीं कर पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग


*स्वास्थ्य विभाग के आशीर्वाद से फल फूल रहे ऐसे मानक विहीन अस्पताल जांच केंद्र*

और इसी कड़ी में कुछ मानक विहीन व बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे पैथोलॉजी को सील किया गया था परंतु सीलिंग की कार्रवाई के बाद कुछ ही दिनों में पुनः ताला खोल दिया गया है 

आखिर सोनभद्र स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे इस तरह से अवैध मानक विहीन अस्पताल क्लीनिक जांच घर किसके सह पर हो रहे हैं संचालित

*स्वास्थ्य विभाग के इस खेल में जाती है गरीब मासूम लोगों की जिंदगीया*

*सूत्र अभी तक कुछ दिनों पहले ही मंशा वाल चिकित्सालय को सील किया गया है लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही कि कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसे भी खोलने की तैयारी है कहीं ना कहीं मोटी रकम व वजनदार लिफाफा स्वास्थ्य विभाग को पहुंच चुका है अब देखना यह है कि क्या स्वास्थ्य विभाग एक मासूम जिंदगी लेने वाले मंशा वाल चिकित्सालय को वही जादुई चाभी देकर फिर पुनः खोल देगा या फिर कोई कड़ी कार्रवाई करेगा*


*मंशा बाल चिकित्सालय के डॉक्टर गोविंद के पास है आयुर्वेद की डिग्री हैं और अंग्रेजी दवा दिया करते हैं*


*अस्पताल का संचालन*

इनके और उनके अप्रशिक्षित स्टाफ ने ले ली एक मासूम की जान विगत दिनों पूर्व ही एक तीन माह के नवजात की जान चली गई उनके गलत इलाज से लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस फर्जी डॉक्टर पर सिर्फ हॉस्पिटल सीलिंग की कार्रवाई कर पूरे मामले पर पर्दा डाला जा रहा।

Post a Comment

0 Comments