*राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 28749 मुकदमें निस्तारित और सम्बन्धित न्यायालयों ने 8.57 लाख रुपया जुमार्ना वसूल किये और मृतको व घायलों को 5.96 करोड़ रूपये का प्रतिकर एवार्ड पारित*
( प्रधान संपादक आकाश मौर्य सत्य हिंदी टीवी )
मिर्जापुर | राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, सर्वोच्च न्यायालय एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीवानी न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यकम का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनमोल पाल, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव एवं सभी न्यायिक अधिकारीगण संयुक्त रूप से माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किये। जनपद न्यायाधीश अनमोन पाल ने सभी न्यायिक अधिकारीगण एवं बैंक अधिकारीगण के साथ आवश्यक बैठक किए और राष्ट्रीय लोक अदालतें को सफल बनाने के लिए और ज्यादा से ज्यादा मुकदमों को निस्तारण करने एवं वादकारियों को व्यापक सहुलियत प्रदान करने का निर्देश दिए।
निस्तारित मुकदमों का विवरण
जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल ने कुल 02 आर्बिट्रेशन तथा मिसलिनियस मामलों का निस्तारण किए और रू0 1.82 लाख आर्बिट्रेशन अवार्ड पारित किए।
प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव ने 26 पारिवारिक मामलों में सुलह-समझौत कराते हुए पति-पत्नी को साथ-साथ रहने के लिए राजीखुशी घर भेजे। पीठासीन अधिकारी मोटर अधिकरण राम प्यारे ने 91 मोटर दुघर्टना प्रतिकर मामलों का निस्तारण किए और 5करोड़ 95 लाख, 39 हजार 442 रूपये प्रतिकर के रूप में मृतको एवं घायलों के परिजनों को दिलाये गये। स्थायी लोक अदालत चेयरमैन बृजेश नरायण मिश्र ने कुल 07 मुकदमों का निस्तारण किए।
विशेष न्यायाधीश / पॉक्सो सन्तोष कुमार त्रिपाठी ने 07 मिसलिनियस मुकदमों का निस्तारण किए और 8000/- जूमार्ना वसूल किए।
विशेष न्यायाधीश एस.सी.एस.टी. एक्ट वायु नन्दन मिश्र ने 03 मिसलिनियस मुकदमों का निस्तारण किए और 1000 रूपया जुर्माना वसूल किए।
विशेष न्यायाधीश ई.सी. एक्ट, चन्द्र गुप्त यादव ने 35 मिसलिनियस तथा विद्युत के 06 वादों का निस्तारण किए
अपर जिला जज/सचिव डीएलएसए लाल बाबू यादव ने 703 बैंक ऋण प्री-लिटिगेशन के मामलों का निस्तारण सुलह-समझौते के आधार पर कराये और लगभग 6.83 करोड पर बकायेदारों से समझौता कराकर ऋणवसूली कराये।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रत्नम श्रीवास्तव ने कुल 1132 मुकदमों का निस्तारण किए और 05 लाख 50/-जुर्माना वसूल किए।
सिविल जज (सी.डि.) आनन्द कुमार उपाध्याय ने कुल 09 सिविल व सक्सेशन वादों का निस्तारण की और 19 लाख 52 हजार 032 रूपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किए।
प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रज्ञा सिंह ने कुल 321 मुकदमों का निस्तारण किए और 74 हजार 300/- जुर्माना वसूल की।
सिविल जज (सी.डि.)-1 ललिता यादव ने 207 लघु अपराधिक मुकदमों का निस्तारण की और 36,800 रूपये जुर्माना वसूल की। सिविल जज (सी०डि०)-2 अंजूम शैफी ने 201 मुकदमों का निस्तारण की और 2000 रूपया जुर्माना वसूल की। सिविल जज (सी०डि०) / एफ.टी.सी० गीतिका सिंह ने 252 मुकदमों का निस्तारण की और 2500 रूपया जुर्माना वसूल की। सिविल जज (जू०डि०) अनिमा मिश्रा ने 08 दीवानी वाद व सक्सेशन वाद को निस्तारित की और 04 लाख 38 हजार 864 रूपये का सक्सेशन प्रमाण पत्र जारी की। अपर सिविल जज (जू.डि.) अंकित कुमार ने 468 मुकदमों का निस्तारण किए और 2340 रूपया जुर्माना वसूल किए। अपर सिविल जज (जू.डि.) शिवानी चौधरी ने 221 मुकदमों का निस्तारण की और 7360 रूपया जुर्माना वसूल की। प्रियंवदा लाल ने 301 मुकदमों का निस्तारण की और 3000/- जुर्माना वसूल की। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने 4 मुकदमों का निस्तारण किये और 12200 रूपया जुर्माना वसूल किए।
अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) / नोडल अधिकारी रा.लो.अ. शिव प्रताप शुक्ला के प्रयास से नगर मजिस्ट्रेट, उपजिलाधिकारियों व तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के न्यायालयो, चकबन्दी न्यायालयों द्वारा निस्तारित राजस्व वाद कुल 15445 मामलों का निस्तारण किया गया। नगरपालिका परिषद ने 1559 मुकदमों का निस्तारण किए। विद्युत विभाग के 149 प्री-लिटिगेश मामलों का निस्तारण किए। ई-चालान यातायात के 1426 चालानो का निस्तारण हुआ और 09 लाख 85 हजार 400/- रूपया ऑनलाईन नाईन जुर्माना वसूल हुए और सहायक श्रमायुक्त ने 01 मुकदमें का निस्तारण किए और 12.21 लाख पीड़ित को दिलाये। आरटीओ विभाग से 1288 मामलों का निस्तारण किए और 1.3 लाख शुल्क वसूल किए। राष्ट्रीय लोक अदालत, में प्रथम एडीजे बलजोर सिंह, तृतीय अपर जनपद न्यायाधीश चन्द्र शेखर मिश्र, व०सहा० दीपक श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता बद्री विशाल, रंजीत कुमार डाटा आपरेट, पी०एल०वी०
जय प्रकाश, ओम प्रकाश, कृष्ण कुमार, एवं समस्त न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किए।
भारतीय स्टेट बैंक, इण्डियन बैंक, आर्यव्रत बैंक, बैंक आफॅ बडौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, ने बैंक पण्डाल लगाकर मामलों का निस्तारण किए।
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